Poem - My Friends - Hindi - Kindergarten

नटखट हैं, हैं बड़े प्यारे
मेरे दोस्त हैं बड़े सारे

कोई लम्बा कोइ छोटा है
एक बड़ा ही  मोटा है

कभी हँसाते कभी रुलाते
मिल जुलकर हम खेलने जाते

रंग जमाते धूम मचाते
नई नई बाते सीख सिखाते

इनके साथ तो ये दुनिया 
लगती बड़ी ही न्यारी है 

मेरे सभी दोस्तो में
भूमिका सबसे प्यारी है


Prop for the poem



It was a simple card with picture showing friends holding hands. It has a string to hand around the next. A flap with picture of her friend which can be hidden during the entire poem and can be flipped open in the last line.

This was a prize winning poem...

Happy Teaching!

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