Poem - Ramayana in short form - Hindi

राजा राम अवध के
सुनो समय की बात।

राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न
भाई थे वो चार।

मिल जुल कर रहते थे वो
उनमें बहुत था प्यार।

खेल कूद कर बड़े हुए
बीते बचपन के साल।

मुनि वशिष्ट के आश्रम में
पढ़ने पहुचे साथ।

तोड़ धनुष को किया विवाह
जनक सुपुत्री सीता साथ।

उधर अवध में कैकई ने
दशरथ से वर मांगे दो।

राम सीता लक्ष्मण को
चौदह वर्ष का वनवास दो।

सीता रानी बड़ी सयानी
जाने न कोई झूठ।

वन में छल से चुरा लिया रावण ने
ले साधु का रूप।

रामचन्द्र को गुस्सा आया
लंका के रावण पर।

हनुमान जी संग सेना लेकर
चले लड़ाई पर।

दोनों में फिर शुरु हुई
वो खूब चली लड़ाई।

उसमें मारा गया था रावण
बेटा और भाई।

खत्म हुआ वनवास भी उनका
लौटे अवध में राजा  राम।

सब लोगों ने इसी खुशी में
दीप जलाये घर सजाए
और किया सबको प्रणाम।

उसी दिन को आज तक
हम मनाते दीवाली
बड़ी धूम धाम के साथ।

जय श्री राम।।

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