Poem - My Teacher - Hindi - Nursery



मुझको वो सब कुछ सिखाती
नई  नई दुनिया में  ले जाती

गलती पर है वो समझाती

ड्राइंग कराती गाने गाती

मेरे मन को है वो भाती

वो तो योगिता मैम कहलाती

काश मैं उन जैसी बन जाऊ

सब के मन को मैं भी भाऊ


This was a prize winning poem in the school inter class activity.


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